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Showing posts from May, 2017

अगर आपको भी मिलने लगे हैं ऐसे संकेत, तो समझ जाइए एक दैवीय शक्ति आपके साथ है

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श्रद्धा और विश्वास श्रद्धा और विश्वास , ये दो ऐसे तरीके हैं जिनके जरिए ईश्वर को पाया जा सकता है। मनुष्य जीवन तभी अपने असल उद्देश्य को प्राप्त कर लेता है जब उसका साक्षात्कार परमात्मा से हो जाए या फिर जब उसे ब्रह्मांड के वास्तविक सत्य का ज्ञान हो जाए। अध्यात्म अध्यात्म के जरिए ईश्वर की खोज की जाती है और बहुत से मनुष्य अपना पूरा जीवन इसी खोज में लगा भी देते हैं। हर कोई ईश्वर का सानिध्य पाना चाहता है , लेकिन ऐसे सौभाग्यशाली लोग बहुत कम ही हैं जिन्हें स्वयं ईश्वर अपना सानिध्य देने के लिए तैयार रहते हैं। अनभिज्ञता क्या आप उनमें से एक हैं , जिनके ऊपर उस सर्वोच्च शक्ति की मेहर है ? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब वो लोग भी नहीं जानते , जिनके सिर पर दैवीय शक्ति का हाथ है। इसका कारण है , अनभिज्ञता। भला कोई साधारण व्यक्ति ये कैसे जानेगा कि कोई ऐसी शक्ति है जो हमेशा उसके साथ-साथ रहती है , जो हमेशा उसे संकट से बचाती है। अलौकिक शक्ति तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों या संकेतों के विषय में बताएंगे जो यह बताने के लिए काफी हैं कि कोई फरिश्ता या फिर कोई अलौकिक शक्ति हमेशा आपके साथ...

द्वार पर लगाएं शुभ चिन्ह, दस्तक देगी खुशियां

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  घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिन्ह अंकित करना चाहिए , इससे सुख-समृद्धि बनी रहती ऐसा हमारे शास्त्रों में वर्णन है। इसके अलावा वास्तु में कई शुभ चिह्न बताए गए हैं जो घर को सभी परेशानियों को दूर रखने में हमारी मदद करते हैं।  घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे इसलिए कई प्रकार के चिन्ह बनाए जाते हैं। इनमें स्वस्तिक , ॐ , ॐ नमः शिवाय , श्रीगणेश , पंचमुखी हनुमानजी का चित्र , शुभ-लाभ आदि शामिल हैं ।    ऐसी मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाकर शुभ-लाभ लिखने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। स्वस्तिक के साथ ही शुभ-लाभ का चिन्ह भी धनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। स्वस्तिक का चिन्ह बनाने से हमारे आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इसलिए स्वस्तिक के साथ ही हर-त्योहार पर घर के मुख्य द्वार पर सिन्दूर से शुभ-लाभ लिखा जाता है।    * शास्त्रों के अनुसार गणेश प्रथम पूज्य हैं और शुभ व लाभ यानी शुभ व क्षेम को उनका पुत्र माना गया है। * वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश का चित्र या स्वस्तिक बनाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि ...

वास्तु शास्र, "स्थापत्यकला का विज्ञान’’

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।         वास्तु शास्त्र यह विज्ञान प्राचीन भारतीय संस्कृति द्वारा हजारों साल पहले बहुत विस्तृत रूप से अध्ययन किया गया है और एक प्रभावशाली वैदिक विज्ञान है । वास्तु शास्त्र की उत्पत्ति मानवता के कल्याण की भावना तथा जीवन के औचित्य से अभिप्रेरित हुआ है । मूल शब्द वास का मतलब है “ आवास , निर्वाह करना , ठहर जाना , निवास करना ’’. वास्तु शास्त्र यह दिशा , ब्रम्हांडीय ऊर्जा का विज्ञान है और ब्रम्हांडीय ऊर्जा का मानवी जीवन पर कैसे प्रभाव पड़ता है यह स्पष्ट करती है । वास्तु शास्र मनुष्य जाति को सिखाती है कि परिस्थिति के साथ सामंजस्य से कैसे रहते हैं । घर हो या संयुक्त कार्यालय तथा उद्योग या संस्था जैसे कोई भी जगह हो उसे 8 दिशाएं होती है । चार   अनुकूल दिशा   और चार कोने । प्रत्येक दिशा का एक महत्त्व होता है । उदाहरण के लिए , मुख्य द्वार का स्थान उचित दिशा में होना यह सूचित करता है कि वहां रहनेवाले अथवा काम करनेवाले लोगों में स्वास्थ्य , संपत्ति , संवाद (रिश्ते) आदि के संदर्भ में निश्चित योग्यता है । दिशाएं यहां कुल 8 दिशाएं होती है । हर एक का मध्यबिंदू...

प्रधान मंत्री आवास योजना के लिए Online आवेदन कैसे करे

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Pradhan Mantri Awas Yojna ke liye online awadan kare Pradhan Mantri Awas Yojna ke liye online awadan Pradhan mantri awas yojna क्या है और PMAY के लिए online आवेदन kaise kaise करे की पूरी जानकारी ·       Pradhan Mantri Awas Yojna : माननीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास की परिकल्पना की है। इस उद्येश्य की प्राप्ति के लिए केन्द्र सरकार ने एक व्यापक मिशन “2022 तक सबके लिए आवास ” शुरू किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बहुप्रतीक्षित योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से प्रारम्भ किया है।   pradhan mantri awas yojna ke लिए awedan करने की योग्यता एवं प्रक्रिया.  कौन कर सकता है आवेदनः  लाभार्थी परिवार में पति , पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे। लाभार्थी परिवार के पास या तो उसके नाम से अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम से भारत के किसी भी भाग में पक्का मकान (सभी मौसम वाली रिहायशी इकाइयां) नहीं होना चाहिए। Aadhar Card No. / आधार कार्ड संख्या * Bank Account No. / बैंक ख...